गिलोय क्या है? (What Is Giloy?)

गिलोय का वैज्ञानिक नाम ‘टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया’ (Tinospora Cordifolia) है। गिलोय अमृता, अमृतवल्ली अर्थात् कभी न सूखने वाली एक बड़ी लता है। इसका तना देखने में रस्सी जैसा लगता है। इसके कोमल तने तथा शाखाओं से जडें निकलती हैं। यह जिस पेड़ पर चढ़ती है, उस वृक्ष के कुछ गुण भी इसके अन्दर आ जाते हैं। नीम के पेड़ पर लिपटी गिलोय अधिक औषधीय महत्त्व की पायी गयी है जिसे नीम-गिलोय कहा जाता है। एक तरह से कह सकते हैं कि नीमरूपी कड़वी किन्तु सुधारक व अच्छी संगति के कारण गिलोय का भी मोल बढ़ जाता है. इसीलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय सबसे अच्छी मानी जाती है।गिलोय के भारी लाभ के कारण इसे अमृता कहा जाता है , इसका मतलब है हमेशा के लिए जीने की क्षमता। Giloy Benefits is immeasurable.

गिलोय में भरपूर मात्रा में औषधीय गुण और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली शक्ति होती है ।आयुर्वेद में गिलोय को बहुत उपयोगी और गुणकारी बताया गया है। इसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, गुर्च, मधुपर्जी, जीवन्तिका कई नामों से जाना जाता है।गिलोय की पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसके तनों में स्टार्च की भी अच्छी मात्रा होती है.ये इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है, जिसकी वजह से कई तरह की बीमारियों से सुरक्षा मिलती है. Giloy Benefits is unlimited.

 पुराणों में अमृता कहलाने वाली गिलोय का एक उल्लेखनीय वर्णन मिलता है कि समुंद्र मंथन के दौरान, जब अमृता से भरा घड़ा समुद्र से बाहर आया, तो राक्षस उसे ले गए और भाग गए। इसलिए दौड़ते समय अमृता की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गईं, जो एक जड़ी बूटी का रूप ले लिया जिसे गिलोय के नाम से जाना जाता है  ।गिलोय के अद्भुत फायदे हैं। 

इसमें दिल के आकार के पत्ते होते हैं जो पान और पीपल के पत्तों से मिलते जुलते हैं।

गिलोय के फायदे असीम (Giloy Benefits and Uses)

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गिलोय के अद्भुत फायदे इम्यूनिटी बूस्टिंग पावर के साथ

 1)गिलोय के षधीय लाभ(Giloy Medicinal Benefits)

एफडीए (खाद्य और औषधि प्रशासन) ने औषधीय उद्देश्य के लिए गिलोय  की जड़, तना, पत्तियों के लाभों और उपयोगों को मंजूरी दी हैं और विभिन्न संक्रमणों के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के निर्माण में बहुत उपयोगी औषधीय के रूप में  इसका प्रतिनिधित्व किया है । डॉ। आशुतोष गौतम, बैद्यनाथ कहते हैं, “गिलोय एक सार्वभौमिक जड़ी बूटी है जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती है”। यह एंटीऑक्सिडेंट का एक पावरहाउस है जो फ्री-रेडिकल्स से लड़ता है, हमारी कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है और बीमारियों से छुटकारा दिलाता है।

2)इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता  में गिलोय के उपयोग (Giloy Benefits in Hindi as Immunity Booster)

यह एंटीऑक्सिडेंट का एक पावरहाउस है जो फ्री-रेडिकल से लड़ता है, हमारी कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है और बीमारियों से छुटकारा दिलाता है, विषाक्त पदार्थों को निकालता है, रक्त को शुद्ध करता है और यकृत रोगों और मूत्र पथ के संक्रमण को रोकता है। इन सबसे ऊपर, यह पाचन में सुधार करता है, श्वसन समस्याओं से लड़ता है, ऑक्सीडेटिव तनाव और चिंता के कारण स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए इसका प्रयोग किया जाता है ।

3)पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल) के रूप में गिलोय के उपयोग (Giloy Benefits as Potential Nutraceutical)

पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल), जो “न्यूट्रिशन” (पोषण) और “फार्मास्युटिकल” (दवा/औषध) शब्दों से मिलकर बना है, एक खाद्य या खाद्य उत्पाद है जो बीमारी की रोकथाम एवं उपचार सहित स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय लाभ प्रदान करता है।गिलोय का उपयोग एक पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल) के रूप में किया जाता है |

4)गिलोय हृदय रोग को रोकें(Giloy Prevent Heart Disease)

गिलोय एंटीऑक्सिडेंट से भरा होता है जो रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है और दिल से संबंधित बीमारी में मदद करता है।

5)गिलोय मधुमेह रोगियों में सहायक(Giloy Helpful in Diabetics)

गिलोय एक हाइपोग्लाइकेमिक एजेंट के रूप में कार्य करता है (रक्त में ग्लूकोज के स्तर में परिवर्तन करके मधुमेह में उपयोग की जाने वाली दवाएँ मधुमेह का इलाज करने में मदद करती हैं।)

गिलोय की हाइपोग्लाइसेमिक गतिविधियों का मूल्यांकन करने के लिए किए गए शोध के अनुसार , यह देखा गया कि मधुमेह रोगियों को केवल दो सप्ताह तक गिलोय लेने से भी रक्त शर्करा में उल्लेखनीय कमी और ग्लाइकोसिलेज हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार देखा गया ।

ध्यान दें:

  • उदाहरण के लिए हाइपोग्लाइसीमिया  – रक्त शर्करा (ग्लूकोज) स्तर सामान्य से कम हो जाता हैं । 
  • मधुमेह –  अग्न्याशय द्वारा इंसुलिन का अपर्याप्त उत्पादन 
  • इसी तरह ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन स्तर परीक्षण से पता चलता है कि परीक्षण से 2 से 3 महीने पहले एक व्यक्ति का औसत रक्त शर्करा स्तर  कितना था।

6)गिलोय तनाव और चिंता को कम करता है(Giloy Reduces Stress and Anxiety)

यह याददाश्त को बढ़ाने और मानसिक तनाव, चिंता को कम करने में मदद करता है।

7)गिलोय श्वसन रोग से लड़ता है (Giloy Fights against respiratory Disease)

गिलोय को आमतौर पर इसके सूजनरोधी लाभों के लिए जाना जाता है और यह लगातार खांसी, सर्दी, टॉन्सिल जैसी सांस की समस्याओं को कम करने में मदद करता है और अस्थमा के रोगियों की भी मदद करता है।

8)गिलोय गठिया में सहायक (Giloy Helpful in Arthritis )

गिलोय में गठिया विरोधी गुण होते हैं जो गठिया और इसके कई लक्षणों को ठीक करने में मदद करते हैं विशेष रूप से सूजन और जोड़ों में दर्द।

नोट :

  • उदाहरण के लिए गठिया का अर्थ है  “जब हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो वह गठिया का रूप ले लेता है। इसके बाद रोगी के एक या एक से अधिक जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन आ जाती है। 

9)गिलोय से आंखों की दृष्टि में सुधार(Giloy Improves Eye-sight)

गिलोय का पेस्ट आँखों  की पलकों पर पर लगाया जाता है क्योंकि यह दृष्टि स्पष्टता को बढ़ाने में मदद करता है और इसके अलावा, टिशू बिल्डर के रूप में नेत्र विकारों में सहायक होता है और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देता है। 

गिलोय को ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट के रूप में जाना जाता है जो आंखों के लिए बहुत अच्छा है। ये एंटीऑक्सिडेंट आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने और आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। एक मुट्ठी गिलोय के पत्ते लें और उन्हें तीन कप पानी में उबालें। एक बार ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को अपनी पलकों पर लगाएं।

गिलोय रस में त्रिफला मिलाकर काढ़ा बनायें। 10-20 मिली काढ़ा में एक ग्राम पिप्पली चूर्ण व शहद मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से आँखों की रौशनी बढ़ जाती है। । giloy benefits in hindi is awesome.

१०)उम्र बढ़ने के संकेत कम कर देता है, गिलोय से एंटी एजिंग लाभ(Giloy Benefits In Hindi as Anti-Ageing Benefits)

गिलोय के पौधे में बुढ़ापे विरोधी गुण या एंटी-एजिंग गुण होते हैं जो काले धब्बे, मुंहासे और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। यह एक स्वस्थ, चमकदार और खूबसूरत त्वचा देता है। गिलोय खून साफ कर त्वचा में निखार लाता है । यह एंटीऑक्सिडेंट का पावर हाउस है, जो झुर्रियों से लड़ने और कोशिकाओं को स्वस्थ और निरोग रखने में अहम भूमिका निभाती है। मुँहासे में नींबू व गिलोय दोनों के रसों को समान मात्रा में मिलाकर  मुँहासों पर लगाने से लाभ होता है 

११)गिलोय जीर्ण ज्वर को रोकें(Giloy Prevent Chronic Fever)

डॉ। आशुतोष गौतम, बैद्यनाथ कहते हैं, “गिलोय बार-बार होने वाले बुखार को दूर करने में मदद करता है। चूंकि गिलोय प्रकृति में एंटी-पायरेटिक है, इसलिए निश्चित रूप से यह डेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया जैसी कई स्थितियों के लिए जीवन के लिए खतरे के संकेत और लक्षणों को कम कर सकता है।

12)गिलोय लीवर फंक्शन को बढ़ावा देता है(Giloy Boosts Liver Function)

इसका उपयोग लिवर को नुकसान से बचाने के लिए किया जाता है। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि हल्दी के अर्क के साथ गिलोय का संयोजन हेपेटोटॉक्सिसिटी (जिगर के विषाक्त क्षति की एक स्थिति।)को रोकने में प्रभावी है।

13)गिलोय एडिमा और गाउट में मददगार (Giloy Helpful in Oedema and Gout )

बाहरी रूप से पौधे का औषधीय तेल प्रभावी रूप से दर्द और एडिमा को राहत देने के लिए, गाउट और त्वचा विकारों में उपयोग किया जाता है। 

नोट :

  • उदाहरण के लिए एडीमा — एडिमा  शरीर के हिस्सों की सूजन होती है। एडिमा  आमतौर पर पैर, एड़ियों और टांगों में होता है।बहुत लंबे समय के लिए एक ही स्थिति में बैठे या बहुत ज्यादा नमकीन खाना खाने की वजह से होता है | 
  • गाउट– गाउटी एक प्रकार से गठिया का ही रूप है जो शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने पर जोड़ों में जमा हो जाता है। जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द और सूजन पैदा होती है

14)फाइलेरिया (हाथीपाँव) में फायदा लेने के लिए करें गिलोय का प्रयोग (Giloy Treat Filariasis)

फाइलेरिया में, गिलोय, शुंठी, देवदारा और विदंग का लेप बाहरी रूप से लगाने पर काम करता है। 

ध्यान दें :

  • फाइलेरिया (Filariasis या philariasis) परजीवी द्वारा होने वाला रोग है जो धागा के समान दिखने वाले ‘फाइलेरिओडी’ (Filarioidea) नामक निमेटोड के कारण होता है। 

15)गिलोय अल्सर का इलाज करें(Giloy Benefits in Treat Ulcer)

यह तेजी से अल्सर को ठीक करने में मदद करता है और तनाव प्रेरित अल्सर से बचाता है।

16)गिलोय पुराने घावों का इलाज करें(Giloy Benefits in Treat Chronic Wounds)

यह फागोसाइटिक कोशिकाओं को सक्रिय करने में मदद करता है  जो पुराने घावों को ठीक करने में सहायता करते हैं। यह शरीर में फागोसाइटिक इंडेक्‍स को बढ़ाने के लिए ल्‍यूकोसाइट्स, प्‍लाज्‍मा कोशिकाओं और स्‍प्‍लेनिक ल्‍यूकोसाइट्स की संख्‍या में वृद्धि करके इम्यूनिटी को बढ़ाता है

ध्यान दें:

  • फागोसाइट्स –   कोशिकाएं होती हैं जो हानिकारक विदेशी कणों, बैक्टीरिया को अंतर्ग्रहण करके शरीर की रक्षा करती हैं।

17)गिलोय एचआईवी संक्रमण और ऑटोइम्यून संक्रमण में मददगार(Giloy Helpful in HIV Infection and Autoimmune Infection)

गिलोय प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुणों के कारण, इसका उपयोग एचआईवी संक्रमण या किसी अन्य ऑटोइम्यून संक्रमण वाले लोगों के इलाज के लिए किया जाता है। हालांकि ” इंडियन जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी ” में प्रकाशित एक अध्ययन में , गिलोय उपचार द्वारा 60 प्रतिशत एचआईवी रोगियों में रोग संबंधी लक्षणों में कमी की सूचना मिली।

ध्यान दें:

  • ऑटोइम्यून संक्रमण –  ऑटोइम्‍यून रोग हैं जिनमें इम्‍यून सिस्‍टम गलती से खुद ही शरीर के अंगों और ऊतकों पर हमला बोल देता है।

18)गिलोय से ट्यूमर इम्यूनोसप्रेशन की रोकथाम(Giloy helps in Prevention of Tumour Immunosuppression)

गिलोय में ठोस ट्यूमर की मात्रा 58.8% कम करने की क्षमता है। इन इम्यूनो-उत्तेजक गुणों का उपयोग ट्यूमर इम्यूनोसप्रेशन की रोकथाम में किया जा सकता है।

नोट :

  • उदाहरण के लिए इम्यूनोसप्रेशन प्रतिरक्षा प्रणाली की सक्रियता में कमी है ,विभिन्न एजेंटों द्वारा एक विशिष्ट एंटीबॉडी की निष्क्रियता जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि को कम करती है।
  • Immunostimulants –  जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाते हैं।

१ ९)गिलोय पुराने दस्त को रोकें(Giloy Benefits in Prevent Chronic Diarrhoea)

गिलोय की जड़ों और तने के स्टार्च का उपयोग पुरानी डायरिया और पेचिश में किया जाता है।

20)हाइपर एसिडिटी की परेशानी ठीक करता है गिलोय (Giloy Cure Acidity)

  • गिलोय के 10-20 मिली रस के साथ गुड़ और मिश्री के साथ सेवन करने से एसिडिटी में लाभ होता है।
  • गिलोय के 20-30 मिली काढ़ा अथवा चटनी में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से एसिडिटी की समस्या ठीक होती है
  • इसके अलावा 10-30 मिली काढ़ा में अडूसा छाल, गिलोय तथा छोटी कटोरी को बराबर भाग में लेकर आधा लीटर पानी में पकाकर काढ़ा बनायें। ठंडा होने पर 10-30 मिली काढ़ा में मधु मिलाकर पीने से सूजन, सूखी खांसी, श्वास तेज चलना, बुखार तथा एसीडिटी की समस्या ठीक होती है।

21)गिलोय मेमोरी बूस्टर(Giloy Benefits in Memory Booster)

यह मेमोरी बूस्टर के रूप में कार्य करता है, बुद्धि का विकास करता है और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देता है। 

22)गिलोय चयापचय(Metabolism) में सुधार करता है(Giloy Benefits in Improves Metabolism)

गिलोय का रस मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है और पाचन में सुधार करने में मदद करता है, गिलोय अर्क में फाइबर सामग्री पेट की गुहा में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। इसके अलावा, गिलोय अर्क कब्ज के लिए चमत्कार का काम करता है, जब अन्य जड़ी बूटियों और अवयवों के साथ मिलाया जाता है। वास्तव में, गिलोय के रस का प्रतिदिन सेवन करने के लिए एक मजबूत चयापचय बनाने में मदद मिलती है और आंतों के ट्रैक्ट से पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार होता है।

चयापचय का मतलब है – जीवित कोशिकाओं में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं का योग, जीवन प्रक्रियाओं के लिए ऊर्जा प्रदान करना और सेलुलर सामग्री के संश्लेषण।

23)गिलोय एक शक्तिशाली उपचारात्मक उपाय है(Giloy Benefits as Powerful Remedial Measure)

गिलोय एक शक्तिशाली उपचारात्मक उपाय है जो दीर्घायु को बढ़ावा देता है, उम्र बढ़ने से रोकता है, सकारात्मक स्वास्थ्य और मानसिक संकाय प्रदान करता है, याददाश्त बढ़ाता है, और रोगों के खिलाफ प्रतिरोध और प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है और फलस्वरूप  इसे एक शक्तिशाली इम्युनो न्यूनाधिक माना जाता है। 

इसलिए यह साबित हो गया है कि गिलोय के फायदे असीम हैं और इस तरह इसे अमृता नाम दिया गया है।

24)गिलोय के इस्तेमाल से बवासीर का उपचार (Giloy Uses in Piles Treatment)

बवासीर या पाइल्स बेहद दर्दनाक होते हैं |गिलोय के इस्तेमाल से बनने वाली दवाएं हर प्रकार के बवासीर को ठीक कर सकती हैं। बवासीर की दवा बनाने के लिए, धनिया के पत्ते, गिलोय और हरड़ को एक साथ बराबर मात्रा में पीस लें। इस मिश्रण की 20 ग्राम मात्रा लेकर आधा लीटर पानी में मिलाएं और उबालें। उबल जाने के बाद थोड़े से गुड़ के साथ इसका दिन में दो बार सेवन करें।काढ़ा बनाकर पीने पर ही गिलोय के फायदे पूरी तरह से मिल सकते हैं।

25)कान की बीमारी में फायदेमंद गिलोय का सेवन (Giloy Benefits for Ear Disorder )

गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर लें। इसे कान में 2-2 बूंद दिन में दो बार डालने से कान का मैल (कान की गंदगी) निकल जाता है। कान के बीमारी से राहत पाने के लिए सही तरह से इस्तेमाल करने पर गिलोय के फायदे (गिलोय बेनिफिट्स ) मिल सकते हैं। गिलोय का औषधीय गुण बिना कोई नुकसान पहुँचाये कान से मैल निकालने में मदद करते हैं| 

26)हिचकी को रोकने के लिए फायदेमंद गिलोय का सेवन (Giloy Benefits to Stop Hiccup)

गिलोय तथा सोंठ के चूर्ण को नसवार की तरह सूँघने से हिचकी बन्द होती है। गिलोय चूर्ण एवं सोंठ के चूर्ण की चटनी बना लें। इसमें दूध मिलाकर पिलाने से भी हिचकी आना बंद हो जाती है। गिलोय के फायदे पुरे तभी मिल सकते  है जब आप उसका सही तरह से प्रयोग करेंगे।

27)टीबी रोग में फायदेमंद गिलोय का सेवन (Giloy helpful in T.B. Disease Treatment)

गिलोय का औषधीय गुण टीबी रोग के समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करते हैं लेकिन इनको औषधि के रुप में बनाने के लिए इन सब चीजों के साथ मिलाकर काढ़ा बनाने की ज़रूरत होती है। अश्वगंधा, गिलोय, शतावर, दशमूल, बलामूल, अडूसा, पोहकरमूल तथा अतीस को बराबर भाग में लेकर इसका काढ़ा बनाएं। 20-30 मिली काढ़ा को सुबह और शाम सेवन करने से राजयक्ष्मा मतलब टीबी की बीमारी ठीक होती है। इस दौरान दूध का सेवन करना चाहिए। इसका सही तरह से सेवन ही यक्ष्मा (टीबी रोग) में गिलोय के फायदे (giloy benefits in hindi) से पूरी तरह से लाभ उठा सकते हैं।

28)कफ की बीमारी में करें गिलोय का इस्तेमाल(Giloy is Beneficial in Cure Cough)

गिलोय को मधु के साथ सेवन करने से कफ की परेशानी से आराम मिलता है।

29)पीलिया के उपचार में करें गिलोय का इस्तेमाल(Giloy is Beneficial in Jaundice)

गिलोय जूस का सेवन करने के कारण पीलिया बुखार को भी ठीक करने में काफी मदद मिलती है।पीलिया के मरीजों के लिए गिलोय लेना बहुत ही फायदेमंद है. कुछ लोग इसे चूर्ण के रूप में लेते हैं तो कुछ इसकी पत्त‍ियों को पानी में उबालकर पीते हैं. अगर आप चाहें तो गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं. इससे पीलिया में फायदा होता है गिलोय के फायदे (giloy benefits in hindi) और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है.

30)कैंसर के उपचार में (Giloy is Beneficial in Cancer)

रिसर्चगेट के अनुसार गिलोय में एंटीकैंसर एक्टिविटी पाई जाती है जो कैंसर के उपचार में मदद तो प्रदान करती ही है, साथ ही साथ लोगों को इसकी चपेट में आने से भी बचाए रखने का काम कर सकती है।

31)बोन फ्रैक्चर में (Giloy is Beneficial in bone Fracture)

 एनसीबीआई ने एक रिपोर्ट में यह कहा है कि अगर गिलोय की पत्तियों को पीसकर इसका जूस पीया जाए और इसकी पत्तियों को हल्का-सा गर्म करके चोट वाली जगह पर लगाया जाए तो उससे फ्रैक्चर वाली जगह पर दर्द में कमी का अनुभव होता है। इसलिए जिन लोगों को बोन फ्रैक्चर की समस्या हो वह इसके दर्द से बचे रहने के लिए गिलोय का सेवन कर सकते हैं।

32)फैट करें तेजी से बर्न और दूर करे मोटापा(Giloy is Beneficial in Weight Reducing)

मोटापा से परेशान व्यक्ति को रोजाना गिलोय का सेवन करना चाहिए। इसके एक चम्मच रस में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से मोटापा दूर हो जाता है।गिलोई के जूस(Giloy benefits in hindi) का नियमित सेवन करके खुद को फिट तो रख ही सकते हैं, बढ़ता वजन भी आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।Giloy खाने से फैट को भी तेजी से कम कर सकती हैं। Giloy चूर्ण को त्रिफला चूर्ण के साथ मिलाकर सुबह शाम शहद के साथ लेने से फैट तेजी से कम होने लगता है।

33)एनीमिया दूर करने में सहायक(Giloy useful in Anemia)

एनीमिया में गिलोय के पत्तों का इस्तेमाल करना  बहुत फायदेमंद रहेगा. गिलोय खून की कमी दूर करने में सहायक है. इसे घी और शहद के साथ मिलाकर लेने से खून की कमी दूर होती है.

34)एलर्जिक राइनाइटिस का इलाज(Giloy beneficial in Allergy)

एलर्जिक राइनाइटिस एक ऐसी अवस्था है जिसमे बहता हुआ नाक, छींकना, नाक बंद होना, लाल और पानी से भरी आँखें आदि लक्ष्ण होते हैं जोकि धूल, प्रदूषण, पराग, घास, जैसे विभिन्न पदार्थों की एलर्जी की वजह से होते हैं| इस तरह के लक्षणों को दूर करने के लिए गिलॉय टेबलेट्स के रूप में लेना बहुत प्रभावी होता है।

35)प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा(Giloy beneficial in boosting Immunity)

गिलॉय प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने का कार्य करता है। इस आश्चर्यजनक जड़ी बूटी में कायाकल्प करने के भी गुण होते हैं| इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण जिगर और गुर्दों से विषैले पदार्थों को हटाने में मदद करते हैं। इसकी एंटी बैक्टीरियल गुण जिगर और मूत्र पथ की समस्याओं से लड़ने में सहायक होते हैं।

36)पाचन के लिए(Giloy beneficial in Digestion)

गिलोय पाचन में सुधार और आंत्र संबंधित मुद्दों का इलाज करने में बहुत फायदेमंद है। भोजन के बेहतर पाचन के साथ, यह कब्ज, अम्लता, बवासीर, हृदय जला आदि जैसे पाचन विकारों से राहत पाने में मदद करता है। रोजाना आधा ग्राम गिलोय के साथ आंवला पाउडर लेने से गिलोय के फायदे (giloy benefits in hindi) और काफी लाभ होता है। कब्ज के इलाज के लिए इसे गुड़ के साथ लेना चाहिए और अधिकतम परिणाम के लिए छाछ के साथ ले सकते हैं।

37)पैरों में जलन / हथेलियां हमेशा गर्म रहती हैं  , उपचार में गिलोय बहुत फायदेमंद हैं(Giloy benefits in hindi)

कुछ लोगों को पैरों में बहुत जलन होती है. कुछ ऐसे भी होते हैं जिनकी हथेलियां हमेशा गर्म बनी रहती हैं. ऐसे लोगों के लिए गिलोय बहुत फायदेमंद है. गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर उसका पेस्ट तैयार कर लें और उसे सुबह-शाम पैरों पर और हथेलियों पर लगाएं. अगर आप चाहें तो गिलोय की पत्त‍ियों का काढ़ा भी पी सकते हैं. इससे भी फायदा होगा.

38)मूत्र रोग (रुक-रुक कर पेशाब होना) में गिलोय से लाभ (Giloy benefits in Urinary Problems in Hindi)

गुडूची के 10-20 मिली रस में 2 ग्राम पाषाण भेद चूर्ण और 1 चम्मच शहद मिला लें। इसे दिन में तीन-चार बार सेवन करने से रुक-रुक कर पेशाब होने की बीमारी में लाभ होता है।

39)गिलोय से कुष्ठ (कोढ़ की बीमारी) रोग का इलाज (Giloy Benefits in Leprosy Treatment in Hindi)

10-20 मिली गिलोय के रस को दिन में दो-तीन बार कुछ महीनों तक नियमित पिलाने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।

40)खाज या खुजली में गिलोय से लाभ

हल्दी को गिलोय के पत्तों के रस के साथ पीसकर प्रभावित अंग पर लगायें।

आयुर्वेदिक के अनुसार गिलोय के फायदे असीम हैं(Giloy Benefits in Hindi)

इसे चरक संहिता में ” मेध्या रसायण” के रूप में वर्णित किया गया है ।

निष्कर्ष में गिलोय के फायदे असीम हैं ,  ये जड़ी-बूटियाँ  बुद्धि, रचनात्मकता, चेतना या सीखने के कौशल  के आवश्यक पोषक तत्वों के साथ मस्तिष्क को पूरक करती हैं और स्मरण शक्ति, स्मरण शक्ति और अधिग्रहण में मदद करती हैं।यह अनुभूति और स्मृति की वृद्धि को बढ़ावा देता है।

भारत के प्राचीन वैद्य आचार्य चरक (Acharya Charak) को भारतीय औषधि विज्ञान का पिता (Indian Father Of Medicine) भी कहा जाता है। आचार्य चरक ने अपने ग्रंथ चरक संहिता (Charak Samhita) में गिलोय के गुणों का खूब वर्णन किया है।

आचार्य चरक के अनुसार गिलोय के फायदे (Giloy Benefits in Hindi)

१ )गिलोय, वात दोष हरने वाली, त्रिदोष मिटाने वाली, खून को साफ करने वाली, रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने वाली, बुखार / ज्वर नाशक, खांसी मिटाने वाली प्राकृतिक औषधि है।

२ )एक प्राकृतिक अवसाद विरोधी होने के नाते, यह न केवल मौखिक और तार्किक क्षमताओं में सुधार करता है, बल्कि तनाव और चिंता से भी छुटकारा दिलाता है। गिलोय  गुर्दे की भी अच्छी देखभाल करता है | 

३ )आयुर्वेद के हिसाब से गिलोय रसायन ताजगी लाने वाले तत्व के रुप में कार्य करता है। इससे इम्यूनिटी सिस्टम में सुधार आता है और शरीर में अतिआवश्यक सफेद सेल्स की कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।

४ )यह शरीर के भीतर सफाई करके लीवर और किडनी के कार्य को सुचारु बनाता है। यह शरीर को बैक्टिरिया जनित रोगों से सुरक्षित रखता है। इसका उपयोग सेक्स संबंधी रोगों के इलाज में भी किया जाता है।

५ )गिलोय मानसिक तनाव और चिंता को भी कम करने में सहायक है. शरीर में मौजूद अवशिष्ट पदार्थ को निकाल कर यह मन को शांति प्रदान करता है और यदाशत को बढ़ाने में भी कारगर है.

६ )लंबे समय से चलने वाले बुखार के इलाज में गिलोय काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शरीर में ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाता है जिससे यह डेंगू तथा स्वाइन फ्लू के निदान में बहुत कारगर है।

७ )इसके दैनिक इस्तेमाल से मलेरिया से बचा जा सकता है।इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एग्जिमा और सोराइसिस दूर किए जा सकते हैं। गिलोय के फायदे (giloy benefits in hindi) ,गिलोय के आयुर्वेदिक गुण के लिए इसे जीवन्तिका भी कहा जाता है

ध्यान दें:

  • मेधा रसायण नॉट्रोपिक जड़ी-बूटियों का एक समूह है जिसके कई लाभ हैं और सभी प्रकार की तंत्रिका संबंधी विसंगतियों के लिए एक पारंपरिक उपचार प्रदान करता है।
  • नुट्रोपिक – अनुभूति और स्मृति की वृद्धि को बढ़ावा देता है।

गिलोय की तासीर 

आयुर्वेद में गिलोय की तासीर को बहुत ही गर्म बताया गया है. इसीलिए सर्दी-जुकाम और बुखार में यह लाभकारी होता है.

गिलोय के फायदे किस समय पर अधिकतम हैं?

फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा की हेड न्यूट्रिशनिस्ट डॉ। नमिता नादर के मुताबिक, “गिलोय की गोलियां लेना या सुबह खाली पेट जूस पीना सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है।” 

 गिलोय कैसे लें?

गिलोय के सेवन के कई तरीके हैं। इसके अलावा इसे जूस, कढ़ा, गोलियों या पाउडर के रूप में लिया जा सकता है। 

चूंकि हमेशा ताजा गिलोय प्राप्त करना संभव नहीं होता है, इसलिए इसका सेवन या तो पीसा हुआ रूप में किया जा सकता है, गिलोय की गोलियां, सूप या कढ़ा में उबालकर या रस के रूप में इसी तरह पीया जा सकता है।

 वयस्क एक दिन में दो गोलियां ले सकते हैं। वहीं, 5 से 10 साल की उम्र के बीच के बच्चों को आधा से एक गोली दी जा सकती है। इस उम्र से ऊपर के बच्चों को दिन में 1 गोली दी जा सकती है। बच्चों की लंबाई और वजन के अनुसार संक्षेप में, एक डॉक्टर से भी सलाह ली जा सकती है कि क्या खुराक रखें।

गिलोय के लाभ विभिन्न उपयोगों से प्राप्त करें(Giloy Benefits in Hindi )

घर पर गिलोय काढ़ा (Kadha) कैसे बनाएं

प्रतिरक्षण गिलोय और नीम का काढ़ा  

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सामग्री

  • 1 इंच अदरक
  • 6-7 नीम के पत्ते
  • 7-8 तुलसी (तुलसी) के पत्ते
  • 5 लौंग
  • 6 पूरे पेपरकॉर्न
  • गिलोय की 2 छोटी शाखाओं से गिलोय के छोटे छोटे टुकड़े

2 गिलास पानी के साथ सभी सामग्री को एक साथ मिक्सी में ब्लेंड करें। पिसे हुए पेस्ट को मध्यम आँच पर एक पैन में  2 गिलास पानी डाल क़र  तब तक उबालें जब तक काढ़ा आधा न हो जाए।गुनगुना काढ़ा  पिए |   

गिलोय और हल्दी का काढ़ा

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सामग्री:

  • गिलोय की 2 छोटी शाखाओं से गिलोय के छोटे छोटे टुकड़े
  • 2 कप पानी
  • 1 इंच कच्ची हल्दी
  • 2 इंच अदरक
  • 6-7 तुलसी के पत्ते

मध्यम आंच पर एक पैन लें, सभी सामग्री डालें और इसे तब तक उबलने दें जब तक कि काढ़ा आधा  न हो जाए। कई अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स के साथ करक्यूमिन(कच्ची हल्दी में बिद्यमान ) और जिंजरोल(अदरक में बिद्यमान ) की उपस्थिति वायरस के हमलों और अन्य बीमारियों को बनाए रखने के लिए प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करती है। 

गिलोय जूस के साथ इम्यूनिटी बूस्टिंग ड्रिंक कैसे बनाएं

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सामग्री:

  • ताजा तुलसी के पत्ते (6-7)
  • 2-3 पेपरकॉर्न
  • 4 लहसुन लौंग कीमा बनाया हुआ
  • आधा इंच अदरक, कद्दूकस किया हुआ
  • 1 छोटा चम्मच सौंफ के बीज
  • 1 बड़ा चम्मच मेथी के बीज

इन्हें आधा कप पानी में कुछ मिनट तक उबालें जब तक कि सिरप न बन जाए। गिलोय के रस के एक गिलास में इस सिरप के आधा चम्मच जोड़ें, अच्छी तरह से मिलाएं और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से पीएं।

गिलोय जूस से इम्यूनिटी बूस्ट करने का तरीका

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6 इंच लंबा गिलोय का तना लें और इसे छोटे टुकड़ों में काट लें। पेस्ट बनाने के लिए छोटे टुकड़ों को काट लें। एक पैन लें और उसमें 160 मिली पानी डालें। पानी में गिलोय का तना कुचल दें। पानी को गिलोय के तने के साथ उबालें। इसे 1/4 वें पानी तक रहने तक उबालें। गिलोय के पानी को छान लें और इसे पीने के लिए ठंडा होने दें।

अन्य तरीका –  गिलोय की लता लगभग 1 फीट तक ले, उसके उपर की परत को हटाकर उसके लता को अच्छे से पीस ले, फिर इसको 6 ग्लास पानी, लौंग डाल कर अच्छे से खौला लें. जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान कर आप इसका सेवन कर सकते है.

गिलोय के सेवन में सावधनियाँ (Precautions )

गिलोय के इस्तेमाल से किसी भी तरह का कोई भी गंभीर दुस्प्रभाव नहीं है. गिलोय का इस्तेमाल चुकि हर्बल युक्त और प्राकृतिक तथा सुरक्षित है. लेकिन फिर भी अगर किसी भी चीज की मात्रा को जरुरत से ज्यादा लेने पर उसका असर बहुत अच्छा नहीं होता है.

  • यदि  मधुमेह हैं, तो रक्त में शर्करा के स्तर को नियमित रूप से मॉनिटर किया जाना चाहिए और सावधानी से इस जड़ी-बूटी का उपयोग करना चाहिए। इसका इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि मधुमेह के लिए निर्धारित दवाओं की खुराक को समायोजित या बदलना पड़ सकता है। हलांकि गिलॉय का उपयोग मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन यह ग्लूकोज के स्तर को इतना कम कर देता है कि अन्य दवाओं के साथ इसे लेना खतरनाक हो सकता है|
  • गर्भावस्था के दौरान गिलॉय का सेवन करना निषेध है|
  • साथ ही जो महिला अगर बच्चे को स्तनपान करा रही है उन्हें भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
  • वैसे तो बिना चिकित्सक से पूछे किसी को किसी औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए, विशेष रूप से 5 वर्ष से कम उमर के बच्चों को गिलोय इत्यादि न खिलायें।

इम्यूनिटी बूस्टर संदर्भ लेख के रूप में गिलोय के लाभ

गिलोय के आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) द्वारा सर्वेक्षण

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